एटॉपिक मोतियाबिंद क्या है – What Is Atopic Cataract In Hindi
एटॉपिक मोतियाबिंद एक अन्य प्रकार का मोतियाबिंद है, जो आमतौर पर एटॉपी या एलर्जी की प्रवृत्ति से जुड़ा होता है। एटॉपिक व्यक्तियों में एलर्जी विकसित होने का खतरा ज्यादा होता है और अक्सर एलर्जी का पारिवारिक इतिहास होता है। एटॉपिक शब्द का इस्तेमाल पहली बार 1930 के दशक में डॉ. कोका द्वारा एलर्जी के व्यक्तिगत या पारिवारिक इतिहास वाले मरीजों को परिभाषित करने के लिए किया गया था। इनमें एक्जिमा, अस्थमा और हे फीवर जैसी कुछ शारीरिक विशेषताएं भी थीं।
अन्य प्रकार के मोतियाबिंदों की तुलना में एटॉपिक मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकास करने वाला और छोटे होता है। इसके अलावा यह एलर्जी या अस्थमा के इतिहास वाले लोगों में भी ज्यादा आम है। इस प्रकार का मोतियाबिंद आमतौर पर आपकी दोनों आंखों को प्रभावित करता है, लेकिन यह सिर्फ एक आंख में हो सकता है। साथ ही मोतियाबिंद का यह प्रकार आनुवंशिक और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण होता है।
आमतौर पर यह मोतियाबिंद आंखों में कुछ प्रोटीनों के लिए इम्यून सिस्टम की असामान्य प्रतिक्रिया से हो सकता है। ऐसे में अगर आप एलर्जी से ग्रस्त हैं, तो आपको इस प्रकार के मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ सकता है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो बिल्लियों को प्रभावित करती है और अनुपचारित छेड़ दिए जाने पर इससे दृष्टि हानि हो सकती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम एटॉपिक मोतियाबिंद के मतलब, लक्षण और उपचार विकल्पों के बारे में चर्चा करेंगे। साथ ही हम आंखों को स्वस्थ रखने के लिए कुछ सुझाव भी देंगे।
एटॉपिक मोतियाबिंद के लक्षण – Symptoms Of Atopic Cataract In Hindi
आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होने वाले इस प्रकार के मोतियाबिंद में आपको कोई दर्द नहीं होता है, लेकिन कुछ लक्षणों की मदद से इस मोतियाबिंद को पहचाना जा सकता है। धुंधली दृष्टि मोतियाबिंद के इस प्रकार से जुड़ा सबसे आम लक्षण है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मोतियाबिंद से आपकी आंख का लेंस धुंधला हो जाता है। यह आपकी आंख में जाने वाली रोशनी में रुकावट पैदा करता है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हैं:
- रात के समय देखने में कठिनाई: ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह मोतियाबिंद पहले लेंस की पिछली सतह पर बनता है। यहां वह आंखों से गुजरने वाली रोशनी में रुकावट पैदा करता है।
- प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता: यह लेंस के धुंधलेपन और आंखों में सूजन के कारण हो सकता है।
- रोशनी के चारों तरफ चमकते घेरे: यह एक अन्य लक्षण है, जो लेंस के धुंधलेपन से होता है।
- दोहरी दृष्टि: यह तब होता है, जब लेंस की पिछली सतह पर मोतियाबिंद आंख से गुजरने वाली रोशनी में रुकावट पैदा करता है।
यह लक्षण आपके जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित कर सकते हैं। ऐसे में कोई भी लक्षण अनुभव कर रहे लोगों को नेत्र रोग विशेषज्ञ से संपर्क की सलाह दी जाती है। आंख की जांच यह निर्धारित करने में बहुत फायदेमंद हो सकती है कि आपको एटॉपिक मोतियाबिंद है या नहीं। उदाहरण के लिए, एटॉपिक मोतियाबिंद और उम्र से संबंधित मोतियाबिंद के बीच अंतर बताना मुश्किल हो सकता है, इसलिए आंखों के डॉक्टर की राय जरूरी है। अगर आप बताए गए लक्षणों को अनुभव कर रहे हैं, तो जल्द अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से अपॉइंटमेंट बुक करना सुनिश्चित करें। इसके अलावा एटॉपिक मोतियाबिंद के पारिवारिक इतिहास वाले लोगों को अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसे में स्थिति को बढ़ने और आपकी दृष्टि को प्रभावित होने से रोकने के लिए शुरुआती निदान और उपचार जरूरी है।
एटॉपिक मोतियाबिंद के कारण – Causes Of Atopic Cataracts In Hindi
ऐसे कई कारक हैं, जो एटॉपिक मोतियाबिंद के विकास में योगदान कर सकते हैं:
- बुढ़ापा: आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ हमारे शरीर में कम एंटीऑक्सीडेंट एंजाइम बनते हैं, जो हमारी आंखों को नुकसान से बचाने में मदद करते हैं। यह बढ़ा हुआ ऑक्सीडेटिव तनाव मोतियाबिंद विकसित होने का कारण बन सकता है।
- सूजन: रुमेटीइड गठिया जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों में देखी गई लंबे समय तक सूजन भी आंख के लेंस को नुकसान पहुंचा सकती है और मोतियाबिंद का कारण बनती है।
- आहार: चीनी और परिष्कृत कार्बोहाइड्रेट में उच्च आहार को मोतियाबिंद के विकास के बढ़ते जोखिम से जोड़ा गया है।
- विषैले पदार्थों से संपर्क: भारी धातुओं के संपर्क में आने जैसे कुछ विषैले पदार्थों से भी मोतियाबिंद होने का खतरा बढ़ सकता है।
यह कारण निश्चित नहीं हैं और यह मोतियाबिंद बनने में उनकी भूमिका की पुष्टि करने के लिए ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत है। इसके अलावा कुछ जोखिम कारक इस प्रकार के मोतियाबिंद से जुड़े हुए हैं, जैसे:
- पारिवारिक इतिहास: अगर आपके परिवार का कोई सदस्य एटॉपिक मोतियाबिंद से पीड़ित है, तो आपको खुद इस स्थिति के विकसित होने का खतरा बढ़ सकता है।
- डायबिटीज: इससे पीड़ित लोगों में मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना उन लोगों की तुलना में ज्यादा होती है, जिन्हें यह बीमारी नहीं है।
- उच्च रक्तचाप: इसे एटॉपिक मोतियाबिंद के विकास के बढ़ते जोखिम से भी जोड़ा गया है।
अगर आपके पास इनमें से कोई भी जोखिम कारक है, तो एटॉपिक मोतियाबिंद के विकास का जोखिम कम करने के तरीकों के बारे में अपने डॉक्टर से परामर्श जरूरी है। एटॉपिक मोतियाबिंद को रोकने का कोई निश्चित तरीका नहीं है, लेकिन अपने जोखिम को कम करने के लिए आप कुछ कदम जरूर उठा सकते हैं। इसलिए, बिना देर किए आज ही अपने डॉक्टर से सलाह लेना सुनिश्चित करें।
एटॉपिक मोतियाबिंद के प्रकार – Types Of Atopic Cataract In Hindi
एंटीरियर और पोस्टीरियर सहित एटॉपिक मोतियाबिंद के दो प्रकार हैं।
- एंटीरियर एटॉपिक मोतियाबिंद- यह आंख के सामने वाले हिस्से में विकसित होता है और बच्चों में ज्यादा आम है। यह एटॉपिक मोतियाबिंद का सबसे आम प्रकार है। उदाहरण के लिए, जापानी बच्चों के एक अध्ययन में, 71.0 प्रतिशत मामलों में एंटीरियर एटॉपिक मोतियाबिंद पाया गया।
- पोस्टीरियर एटॉपिक मोतियाबिंद- यह मोतियाबिंद कम आम है और आंख के पिछले हिस्से में विकसित होता है। आमतौर पर वयस्कों में इस प्रकार का मोतियाबिंद विकसित होने की संभावना ज्यादा होती है। एटॉपिक डर्मेटीज़ की सूजन वाले लोगों के एक अध्ययन में पाया गया कि 22.0 प्रतिशत मामलों में पोस्टीरियर एटॉपिक मोतियाबिंद मौजूद थे।
इस प्रकार के एटॉपिक मोतियाबिंद को जानना जरूरी है, क्योंकि प्रकार के आधार पर उपचार अलग होता है। ऐसे में जब आप इस प्रकार के बारे में जानते हैं, तो आप अपनी दृष्टि को बेहतर बनाने में मदद के लिए उचित उपचार प्राप्त कर सकते हैं।
एटॉपिक मोतियाबिंद का निदान – Diagnosis Of Atopic Cataract In Hindi
एक व्यापक आंखों की जांच के दौरान नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा एटॉपिक मोतियाबिंद का निदान किया जाता है। आपके नेत्र रोग विशेषज्ञ आपकी आंखों में कुछ लक्षणों की तलाश करते हैं, जो इस स्थिति के लिए खास हैं। इसके अलावा वह आपके पारिवारिक इतिहास और आपकी किसी भी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों के बारे में पूछते हैं, जो मोतियाबिंद के विकास में योगदान दे सकती हैं। एटॉपिक मोतियाबिंद की जांच के तरीके भी हैं, जो कार्यालय में किए जा सकते हैं।
इन जाचं में आंख के पिछले हिस्से की जांच करने के लिए एक खास तरह के माइक्रोस्कोप का उपयोग यानी फंडस एक्ज़ामिनेशन या आनुवंशिक परीक्षण शामिल हैं। उदाहरण के लिए, कुछ प्रकार के एटॉपिक मोतियाबिंद वाले लोगों में आंख के लेंस को बनाने वाले प्रोटीन असामान्य हो सकते हैं। इसका पता आनुवंशिक परीक्षण से लगाया जा सकता है। एक सटीक निदान सुनिश्चित करने के लिए व्यापक आंखों की जांच और नेत्र रोग विशेषज्ञ से अपने पारिवारिक इतिहास पर चर्चा करना जरूरी है।
एटॉपिक मोतियाबिंद का उपचार – Treatment Of Atopic Cataract In Hindi
एटॉपिक मोतियाबिंद का इलाज अन्य प्रकार के मोतियाबिंदों की तरह ही किया जाता है। इसमें सर्जरी से धुंधले लेंस को हटाना और इसे एक साफ आर्टिफिशियल इंट्राओकुलर लेंस या आईओएल से बदलना शामिल है। ज्यादातर मामलों में मोतियाबिंद सर्जरी एक आउट पेशेंट प्रक्रिया के रूप में की जाती है। इसका मतलब है कि आपको रात भर अस्पताल में नहीं रहना पड़ेगा।
यह सर्जरी आमतौर पर बहुत सीधी होती है, जिसमें सबसे पहले आपकी आंख को एनेस्थेटिक ड्रॉप्स से सुन्न किया जाता है। इसके बाद सर्जन आपकी आंख में छोटा चीरा लगाकर एक छोटा उपकरण डालते हैं, जिसे अल्ट्रासोनिक प्रॉब कहा जाता है। यह प्रॉब ध्वनि तरंगों का उत्सर्जन करती है, जो धुंधले लेंस को तोड़ती है और इस प्रकार लेंस को हटाने में मदद मिलती है। एक बार धुंधला लेंस निकल जाने के बाद सर्जन आपकी आंख में आईओएल डालते हैं। इसके लिए कई अलग-अलग प्रकार के आईओएल उपलब्ध हैं। ऐसे में सर्जन आपकी जरूरतों के लिए सबसे अच्छा चुनने में मदद करते हैं। ज्यादातर मामलों में आईओएल प्लास्टिक या सिलिकॉन से बना होता है।
आईओएल होने के बाद सर्जन चीरे को घुलने वाले टांके से बंद कर देते हैं और ठीक होने के लिए छोड़ देते हैं। एटॉपिक मोतियाबिंद से रिकवरी आमतौर पर बहुत जल्दी होती है। साथ ही ज्यादातर लोग कुछ दिनों के अंदर अपनी सामान्य गतिविधियों में वापस आ जाते हैं। अगर आपको एटॉपिक मोतियाबिंद है, तो जल्द ही इसका इलाज करवाना जरूरी है। इस प्रकार दृष्टि सुधार के उपचार विकल्पों की जानकारी के लिए अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से बात करें। साथ ही एक ऐसा सर्जन चुनना सुनिश्चित करें, जिस पर आप इस प्रक्रिया को करने के लिए भरोसा करते हैं।
एटॉपिक मोतियाबिंद की रोकथाम – Prevention Of Atopic Cataract In Hindi
अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ को नियमित रूप से दिखाना जरूरी है, ताकि वह मोतियाबिंद के किसी भी शुरुआती लक्षण को पकड़ सकें। अगर आपके पास एटॉपिक मोतियाबिंद का पारिवारिक इतिहास है, तो अपने डॉक्टर को इसके बारे में बताना सुनिश्चित करें। एटॉपिक मोतियाबिंद को रोकने के लिए कोई प्रभावी तरीका नहीं है। हालांकि, कुछ चीजों की मदद से आप अपने जोखिम को कम कर सकते हैं:
- बाहर जाने पर धूप का चश्मा या अन्य आंखों की सुरक्षा पहनें।
- धूम्रपान छोड़ें।
- स्वस्थ आहार खाएं।
- नियमित व्यायाम करें।
- स्वस्थ वजन बनाए रखें।
एटॉपिक मोतियाबिंद को रोकने के लिए कोई प्रभावी तरीका नहीं है, लेकिन इन सुझावों को आज़माने से आपके जोखिम को कम करने में मदद मिल सकती है। अगर आपको एटॉपिक मोतियाबिंद का निदान किया जाता है, तो उपचार के विकल्प उपलब्ध हैं। मोतियाबिंद के उपचार का एकमात्र तरीका सर्जरी है और सर्जरी कराने वाले ज्यादातर लोग अपनी दृष्टि में सुधार का अनुभव करते हैं। इस प्रकार एटॉपिक मोतियाबिंद के लक्षणों की जांच के लिए आपको नियमित रूप से अपने नेत्र रोग विशेषज्ञ से मिलना चाहिए।
निष्कर्ष – Conclusion In Hindi
कुल मिलाकर एटॉपिक मोतियाबिंद एक गंभीर समस्या है, जिसके कारण अंधापन भी हो सकता है। इस स्थिति का अक्सर गलत निदान किया जाता है। ऐसे में आपके पास लक्षणों की उचित जानकारी होना जरूरी है। साथ ही स्थिति की प्रोग्रेस रोकने के लिए आपको शुरुआती निदान और उपचार की सलाह दी जाती है। अगर आपको या आपके किसी जानकार को एटॉपिक मोतियाबिंद है, तो जल्द से जल्द किसी नेत्र चिकित्सक को दिखाना सुनिश्चित करें। इसके अलावा किसी भी प्रकार की समस्या से बचने के लिए आपको आंखों की नियमित जांच कराने की सलाह दी जाती है। इससे समस्याओं के गंभीर होने से पहले ही उनका निदान करने में मदद मिल सकती है।
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