बच्चों में मोतियाबिंद: लक्षण, कारण, निदान और उपचार – Cataracts In Children: Symptoms, Causes, Diagnosis And Treatment In Hindi

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मोतियाबिंद क्या है – What Is Cataract In Hindi

What Is A Cataractअगर आप भी बच्चों में मोतियाबिंद का पता लगाना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है। मोतियाबिंद आंख के लेंस में मौजूद धुंधलापन है। आमतौर पर लेंस रेटिना पर रोशनी को फोकस करने के लिए जिम्मेदार होता है। धुंधला होने पर लेंस लोगों में धुंधली दृष्टि का कारण बन सकता है। मोतियाबिंद आमतौर पर धीरे-धीरे विकसित होते हैं और आपकी दोनों आंखों को प्रभावित करते हैं। ज्यादातर मामलों में मोतियाबिंद दर्दनाक नहीं होते हैं और दृष्टि समस्याओं के अलावा कोई अन्य लक्षण पैदा नहीं करते हैं।

अगर आप माता-पिता हैं, तो आपको अपने बच्चों की सुरक्षा और उनका उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करने के लिए कई बातों की जानीकारी होनी चाहिए। आपको जिन चीजों के बारे में जानकारी होनी चाहिए, उनमें से एक बच्चों में मोतियाबिंद है। यह एक ऐसी स्थिति है, जो गंभीर दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकती है। यही वजह है कि आपको इसका जल्द से जल्द इलाज करवाने की सलाह दी जाती है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम चर्चा करेंगे कि मोतियाबिंद क्या है और उनका इलाज कैसे किया जाता है। इसके अलावा आप इस स्थिति से जुड़े कुछ जोखिम के बारे में भी जानेंगे, जिससे आपको मोतियाबिंद सेस बचाव में मदद मिल सकती है।

बच्चों में मोतियाबिंद के प्रकार

मोतियाबिंद के दो मुख्य प्रकार बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कॉन्जेनिटल मोतियाबिंद: इसे जन्मजात मोतियाबिंद के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि यह जन्म के समय से ही मौजूद होता हैं या जीवन के पहले कुछ महीनों के दौरान विकसित होता है। आमतौर पर यह मोतियाबिंद एक इंफेक्शन की वजह से होता है, जो मां को गर्भावस्था के दौरान हुआ था। इसके अलावा यह एक आनुवंशिक विकार या किसी अन्य स्वास्थ्य स्थिति के कारण भी हो सकता है।
  • एक्वायर्ड मोतियाबिंद: एक्वायर्ड मोतियाबिंद जन्म के बाद विकसित होता है और आमतौर पर आंख में चोट, बीमारी या पराबैंगनी (यूवी) प्रकाश के लंबे समय तक संपर्क का नतीजा होता है।

यह दो प्रमुख प्रकार के मोतियाबिंद हैं, लेकिन इसके कई उपप्रकार भी हैं, जो बच्चों को प्रभावित कर सकते हैं।

लक्षण – Symptoms In Hindi

Symptomsमोतियाबिंद का सबसे आम लक्षण धुंधली दृष्टि है। इसके अन्य लक्षणों में शामिल हो सकते हैं:

  • भेंगापन: यह तब होता है, जब आंखें किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ होती हैं।
  • चकाचौंध: यह तब होता है, जब सूरज जैसे उज्ज्वल स्रोत से रोशनी असुविधा या अंधेपन का कारण बनती है।
  • दोहरी दृष्टि: यह तब होता है, जब एक के बजाय दो चित्र दिखाई देते हैं।
  • खराब रात की दृष्टि: यह तब होता है, जब रात में या कम रोशनी की स्थिति में देखना मुश्किल होता है।
  • डगमगाती आंखें: यह तब होता है, जब आंखें एक तरफ से दूसरी तरफ या ऊपर-नीचे होती हैं।

यह मोतियाबिंद के कुछ प्रमुख लक्षण हैं। अगर आप इनमें से किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो आपको पूर्ण मूल्यांकन के लिए एक आंखों के डॉक्टर से मिलना चाहिए। इस प्रकार शुरुआती निदान और उपचार मोतियाबिंद की प्रोग्रेस को रोकने या देरी करने में मदद कर सकता है।

कारण – Causes In Hindi

Causesमोतियाबिंद के कई अलग-अलग कारण हो सकते हैं, लेकिन इसका सबसे आम कारण उम्र है। जैसे-जैसे लोग बड़े होते हैं, लेंस में प्रोटीन टूटने लगते हैं और इससे उनकी आंख का प्राकृतिक लेंस धुंधला हो जाता है। आज ज्यादातर लोग जानना चाहते हैं कि बच्चे मोतियाबिंद क्यों विकसित कर रहे हैं?

कॉन्जेनिटल मोतियाबिंद

मोतियाबिंद का यह प्रकार कई कारणों से हो सकता है, जिनमें शामिल हैं:

  • आनुवंशिक विकार: डीएनए में बदलाव से जन्मजात या कॉन्जेनिटल मोतियाबिंद हो सकता है। इसका एक उदाहरण डाउन सिंड्रोम है।
  • आनुवंशिक प्रवृत्ति: अगर माता-पिता, दादा-दादी, चाचा या चाची जैसे परिवार के किसी करीबी सदस्य को मोतियाबिंद है, तो बच्चे में मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा होती है।
  • गर्भावस्था के दौरान मां को इंफेक्शन: कई बार गर्भावस्था के दौरान मां को हुआ इंफेक्शन बच्चे को हो सकता है, जिससे जन्मजात मोतियाबिंद हो सकता है। कुछ प्रमुख इंफेक्शन चिकनपॉक्स, टोक्सोप्लाज्मोसिस, रूबेला (जर्मन खसरा), साइटोमेगालोवायरस (सीएमवी) और दाद हैं।

यह जन्मजात मोतियाबिंद के संभावित कारण हैं।

एक्वायर्ड मोतियाबिंद

एक्वायर्ड मोतियाबिंद का सबसे आम कारण आंख की चोट है। इसके अन्य कारणों में शामिल हैं:

  • बीमारी: कुछ बीमारियां एक्वायर्ड मोतियाबिंद का कारण बन सकती हैं। इनमें डायबिटीज, नज़दीकीपन (मायोपिया) और उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) शामिल हैं।
  • लंबे समय तक यूवी लाइट के संपर्क में रहना: इससे लेंस में प्रोटीन को नुकसान पहुंच सकता है, जो मोतियाबिंद का कारण बनता है।
  • आंख की चोट: कई बार आंख में चोट लगने से भी एक्वायर्ड मोतियाबिंद हो सकता है।
  • डायबिटीज: यह एक ऐसी स्थिति है, जो किसी व्यक्ति के रक्त में उच्च शर्करा स्तर का कारण बनती है। यह स्थिति लेंस में प्रोटीन को नुकसान पहुंचाती है, जो आगे चलकर मोतियाबिंद का कारण बन सकता है।
  • मायोपिया: यह एक ऐसी स्थिति है, जो निकट दृष्टिदोष का कारण बनती है। इस स्थिति में नेत्रगोलक (आईबॉल) बहुत लंबा या आंख का स्पष्ट सामने का हिस्सा (कॉर्निया) बहुत घुमावदार होता है। इससे रोशनी रेटिना के बजाय रेटिना के सामने केंद्रित हो सकती है। मायोपिया आनुवंशिक कारकों के कारण हो सकता है, लेकिन यह अक्सर बहुत ज्यादा करीबी काम का नतीजा होता है। इनमें पढ़ना या कंप्यूटर का उपयोग करना शामिल है।
  • हाइपरटेंशन: यह एक ऐसी स्थिति है, जो उच्च रक्तचाप का कारण बनती है। इससे आंखों में रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकता है और यह स्थिति मोतियाबिंद का कारण बनती है।

यह बच्चों में मोतियाबिंद विकसित होने के प्रमुख कारण हो सकते हैं।

निदान – Diagnosis In Hindi

diagnosis of cataract in childrenनवजात शिशुओं में मोतियाबिंद का निदान आमतौर पर उनकी शारीरिक जांच के दौरान किया जाता है। कुछ मामलों में मोतियाबिंद जन्म के समय दिखाई नहीं देता है, लेकिन बाद में विकसित होता है। अगर आपके बच्चे में मोतियाबिंद के कोई भी लक्षण हैं, तो आपको उन्हें पूर्ण मूल्यांकन के लिए आंखों के डॉक्टर के पास ले जाना चाहिए। डॉक्टर आंखों की पूरी जांच के बाद निदान की पुष्टि करने के लिए अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन जैसे परीक्षणों के के लिए कह सकते हैं।

उपचार – Treatment In Hindi

Treatmentआमतौर पर मोतियाबिंद का उपचार स्थिति की गंभीरता पर निर्भर करता है।

  • कुछ मामलों में कोई उपचार जरूरत नहीं है, क्योंकि मोतियाबिंद अपने आप ठीक हो जाता है।
  • अन्य मामलों में मोतियाबिंद को हटाने के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है।
  • अगर मोतियाबिंद के कारण दृष्टि संबंधी गंभीर समस्याएं हो रही हैं, तो आपके बच्चे को चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की जरूरत पड़ सकती है।
  • आपके बच्चे में मोतियाबिंद का कारण बनने वाली गंभीर स्थिति को ठीक करने के लिए सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। इनमें मायोपिया या उच्च रक्तचाप शामिल हैं।
  • नुकसान वाले कॉर्निया को डोनर टिश्यू से बदलने के लिए कॉर्नियल ट्रांसप्लांट एक सर्जरी है। यह मोतियाबिंद के उपचार के कुछ विकल्प हैं।

मोतियाबिंद एक आम आंख की स्थिति है, लेकिन इलाज नहीं किए जाने पर यह ज्यादा गंभीर हो सकती है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को मोतियाबिंद हो सकता है, तो आपको पूर्ण मूल्यांकन के लिए किसी अनुभवी आंखों के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि जल्द निदान और उपचार से स्थिति को ज्यादा गंभीर होने से रोका जा सकता है

सर्जरी के जोखिम – Risk Of Surgery In Hindi

किसी भी सर्जरी से जुड़े जोखिम होते हैं, लेकिन मोतियाबिंद सर्जरी के जोखिम कम हैं। इनमें से कुछ में शामिल हैं:

  • ग्लूकोमा: यह एक ऐसी स्थिति है, जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचाती है। इसमें आंखों में दबाव बढ़ने से दृष्टि प्रभावित होती है।
  • भेंगापन: यह तब होता है, जब आंखें किसी वस्तु पर ध्यान केंद्रित करने में असमर्थ होती हैं। इस स्थिति में दोनों आंखें अलग-अलग दिशा में देखती हैं।
  • पुतली की असामान्यताएं: यह तब होता है, जब पुतली ठीक से नहीं खुलती या बंद होती है। पुतली ज्यादा अंडाकार आकार की भी हो सकती है। हालांकि, यह स्थिति आमतौर पर दृष्टि को प्रभावित नहीं करती है।
  • रेटिनल डिटैचमेंट: यह स्थिति रेटिना के आंख के पिछले हिस्से से अलग होने के कारण होती है।
  • दोहरी दृष्टि: यह तब होता है, जब एक के बजाय दो चित्र दिखाई देते हैं।
  • सिस्टॉइड मैक्यूलर एडिमा: यह मैक्युला में द्रव जमा होने के कारण होती है। इसमें रेटिना का क्षेत्र केंद्रीय दृष्टि के लिए जिम्मेदार होता है।
  • इंफेक्शन: यह एक दुर्लभ और गंभीर जटिलता है, जो किसी भी सर्जरी के बाद हो सकती है।
  • खून बहना: इसे भी एक दुर्लभ और गंभीर जटिलता माना जाता है, जो किसी भी सर्जरी के बाद हो सकती है।

मोतियाबिंद के लिए मोतियाबिंद सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार है। इसमें जटिलताओं के जोखिम कम हैं, लेकिन यह मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ जोखिम हैं। इनमें से ज्यादा जटिलताओं का इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ जटिलताओं को बिना किसी स्थायी प्रभाव के हल किया जा सकता है। डॉक्टर सर्जरी से पहले इन जोखिमों के बारे में आपसे चर्चा करते हैं।

रोकथाम के तरीके – Methods Of Prevention In Hindi

Methods Of Preventionमोतियाबिंद और खासतौर से जन्मजात मोतियाबिंद को पूरी तरह से रोकना संभव नहीं है। हालांकि, कुछ चीजें की मदद से जोखिम को कम किया जा सकता है।

  • गर्भावस्था के दौरान मां को इंफेक्शन: गर्भवती महिलाओं को रूबेला, चिकनपॉक्स और टोक्सोप्लाज्मोसिस के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए।
  • लंबे समय तक यूवी लाइट के संपर्क में आना: बच्चों को धूप का चश्मा पहनना चाहिए, जो बाहर होने पर यूवी किरणों को रोकते हैं।
  • आंखों की चोट: बच्चों को ऐसी गतिविधियों में भाग लेते समय सुरक्षात्मक आईवियर पहनना चाहिए, जिससे आंखों में चोट लग सकती है।
  • डायबिटीज: डायबिटीज वाले बच्चों को नियमित रूप से अपने रक्त शर्करा स्तर की जांच करवानी चाहिए। इसके अलावा इसे डॉक्टर द्वारा प्रबंधित भी किया जाना जरूरी है।
  • मायोपिया: इससे पीड़ित बच्चों को अपनी आंखों की नियमित रूप से किसी अनुभवी आंखों के डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए।
  • उच्च रक्तचाप: उच्च रक्तचाप वाले बच्चों को अपने रक्तचाप की निगरानी डॉक्टर से करानी चाहिए।
  • बचपन में इंफेक्शन होना: बच्चों को खसरा, गलसुआ, रूबेला और चिकनपॉक्स के खिलाफ टीका लगाया जाना चाहिए। ऐसा इसलिए है, क्योंकि इन इंफेक्शन से बच्चों में मोतियाबिंद भी हो सकता है।
  • स्वस्थ आहार खाना: फल और सब्जियों जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर आहार खाने से मोतियाबिंद के खतरे को कम करने में मदद मिल सकती है।

यह कुछ ऐसे तरीके हैं, जो मोतियाबिंद के विकास को रोकने या देरी करने में मदद कर सकते हैं।

क्या आप भी आँखों की समस्याओं से परेशान है?

निष्कर्ष  Conclusion In Hindi

मोतियाबिंद एक सामान्य स्थिति है, जो बच्चों में दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकती है। मोतियाबिंद की प्रोग्रेस को रोकने या देरी करने में मदद के लिए शुरुआती निदान और उपचार जरूरी है। अगर आपको लगता है कि आपके बच्चे को मोतियाबिंद है, तो आपको इसकी जांच के लिए आंखों के किसी अनुभवी डॉक्टर से मिलना चाहिए। आमतौर पर सर्जरी को मोतियाबिंद के लिए एक सुरक्षित और प्रभावी उपचार माना जाता है, जिसमें जटिलताओं के जोखिम कम हैं। यह मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ जोखिम हैं, जिनमें से ज्यादातर जटिलताओं का इलाज बिना किसी स्थायी प्रभाव के किया जा सकता है। इसके लिए डॉक्टर सर्जरी से पहले इन जोखिमों के बारे में आपसे चर्चा करते हैं।

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