आपकी एक या दोनों आंखों में विकसित होने वाला जन्मजात मोतियाबिंद किसी सिंड्रोम का हिस्सा है। यह स्थिति अनुपचारित छोड़ दिए जाने पर एम्ब्लियोपिया यानी आलसी आंख का कारण बन सकती है, जिसका जल्द निदान और उपचार जरूरी है। जन्मजात मोतियाबिंद के कई अलग-अलग प्रकार हैं, जिन्हें उनके स्थान, उपस्थिति या संबंधित स्थितियों के आधार पर बांटा जा सकता है, जैसे:
ज्यादातर जन्मजात मोतियाबिंद बिना सिंड्रोम वाले होते हैं। इसका मतलब है कि यह किसी अन्य चिकित्सा स्थिति से जुड़े बिना अलग हैं। जन्मजात मोतियाबिंद के लिए जल्द से जल्द इलाज करवाना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि अनुपचारित छोड़ दिए जाने पर मोतियाबिंद का यह प्रकार एम्ब्लियोपिया का कारण बन सकता है। ऐसे में जन्मजात मोतियाबिंद से दृष्टि हानि को रोकने के लिए जल्द निदान और उपचार जरूरी है। मोतियाबिंद आंख के लेंस में एक धुंधला हिस्सा है। यह मोतियाबिंद बहुत आम है और आपकी एक या दोनों आंखों में हो सकता है। यह धीरे-धीरे या जल्दी विकसित होता है और इलाज नहीं करने पर अंधेपन का कारण बन सकता है। इस ब्लॉग पोस्ट में हम जन्मजात मोतियाबिंद उपचार के अलग-अलग विकल्पों पर चर्चा करेंगे। साथ ही हम उपलब्ध उपचार विकल्पों और अपने बच्चे के लिए सबसे अच्छा उपचार चुनने के लिए कुछ सुझाव भी प्रदान करेंगे।
अगर आपके बच्चे को जन्मजात मोतियाबिंद है, तो उपचार के कुछ अलग विकल्प उपलब्ध हैं। ऐसे ही कुछ सामान्य जन्मजात मोतियाबिंद उपचार के विकल्प इस प्रकार हैं:
यह जन्मजात मोतियाबिंद के लिए सबसे आम उपचार विकल्प है। सर्जरी में धुंधले लेंस को हटाना और उसे एक साफ आर्टिफिशयल लेंस से बदलना शामिल है। यह प्रक्रिया आमतौर पर कम समय में और अपेक्षाकृत दर्द रहित होती है। ज्यादातर मामलों में इसकी सर्जिकल प्रक्रिया को एक आउट पेशेंट के आधार पर किया जाता है। इसका मतलब है कि आपके बच्चे को रात भर अस्पताल में नहीं रहना पड़ेगा। सर्जरी के बाद आपके बच्चे को अपनी दृष्टि सुधार के लिए चश्मा या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने की जरूरत हो सकती है। जबकि, कुछ मामलों में ज्यादा दृष्टि सुधार के लिए सर्जन दूसरी करते हैं। मोतियाबिंद हटाने की सर्जरी आमतौर पर सुरक्षित होती है, लेकिन किसी भी सर्जरी की तरह इसमें कुछ जोखिम शामिल हैं।
आईओएल एक प्रकार का आर्टिफिशियल लेंस है, जिसका उपयोग जन्मजात मोतियाबिंद के इलाज में किया जा सकता है। इस प्रक्रिया में सर्जन धुंधले लेंस को हटाते हैं और फिर इसे एक आईओएल के साथ बदल दिया जाता है। आमतौर पर आईओएल सिलिकॉन या एक्रिलिक से बने होते हैं।
मोतियाबिंद सर्जरी के दौरान या एक स्टैंडअलोन प्रक्रिया के रूप में आईओएल को आंखों में रखा जा सकता है। जबकि, कुछ मामलों में आईओएल लगाने के लिए दूसरी सर्जरी की जरूरत हो सकती है। इस प्रकार के जन्मजात मोतियाबिंद उपचार की सिफारिश अक्सर सिर्फ उन बच्चों के लिए की जाती है, जो मोतियाबिंद की सर्जरी करने में असमर्थ हैं।
यह आईड्रॉप मोतियाबिंद के आकार को कम करने और दृष्टि को बेहतर बनाने में आपकी मदद कर सकती है। आपके लिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि यह मोतियाबिंद को पूरी तरह से नहीं हटाती है और कुछ मामलों में अभी भी सर्जरी जरूरी होती है। कई बार इन ड्रॉप के उपयोग से सर्जरी में देरी या पूरी तरह से बचने में मदद मिल सकती है। कुछ अध्ययनों से पता चला है कि इस प्रकार की आईड्रॉप 70 प्रतिशत मामलों में प्रभावी है।
इस उपचार विकल्प में आंख पर एक पैच लगाना शामिल है, जिसका उपयोग पैच की गई आंख को मजबूत करने के लिए नहीं किया जा रहा है। पैचिंग के सबसे सामान्य प्रकार को ओक्लूसिव पैचिंग कहा जाता है। इसमें प्रभावित आंख पर पैच को सुरक्षित करने के लिए एक चिपकने वाली पट्टी या हाइपोएलर्जेनिक टेप का उपयोग करना शामिल है।
एक अन्य प्रकार की पैचिंग को नॉन-ओक्लूसिव पैचिंग कहते हैं, जिसमें सर्जन आंख को ढ़कने के लिए खास कॉन्टैक्ट लेंस का उपयोग करते हैं। इस प्रकार के पैचिंग का उपयोग अक्सर उन मामलों में किया जाता है, जहां ओक्लूसिव पैचिंग संभव नहीं है या सहन नहीं किया जाता है। पैचिंग आमतौर पर प्रत्येक दिन कई घंटों के लिए की जाती है। हालांकि, आंख की पैचिंग में लगने वाला समय मोतियाबिंद की गंभीरता पर निर्भर करता है।
कुल मिलाकर यह जन्मजात मोतियाबिंद उपचार के सबसे सामान्य प्रकार हैं। अगर आपके कोई सवाल हैं या आप अपने लिए उपचार का सही विकल्प जानना चाहते हैं, तो अपने डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें। वह आपके व्यक्तिगत मामले के लिए सबसे अच्छा फैसला लेने में आपकी मदद कर सकते हैं। जन्मजात मोतियाबिंद का इलाज जरूरी है, क्योंकि अनुपचारित छोड़ दिए जाने पर यह गंभीर दृष्टि समस्याओं का कारण बन सकता है। इसलिए, अगर आपको या आपके बच्चे को जन्मजात मोतियाबिंद का पता चला है, तो उपचार के विकल्पों के बारे में तुरंत अपने डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें।
जन्मजात मोतियाबिंद का उपचार किया जा सकता है, लेकिन उपलब्ध उपचार विकल्प स्थिति की गंभीरता और बच्चे की उम्र पर निर्भर करते हैं। कुछ मामलों में मोतियाबिंद को हटाने और दृष्टि में सुधार के लिए सर्जरी की जरूरत हो सकती है। जबकि, अन्य मामलों में आपके बच्चे को चश्मे या कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल करना पड़ सकता है। अगर आपके बच्चे को जन्मजात मोतियाबिंद का निदान किया गया है, तो सबसे पहला कदम बाल रोग विशेषज्ञ से मिलना है। यह विशेषज्ञ स्थिति की गंभीरता के आधार पर आपके बच्चे के लिए उपचार का सबसे अच्छा तरीका निर्धारित कर सकते हैं।
अगर सर्जरी जरूरी है, तो वह आपको पीडियाट्रिक ऑप्थलमोलॉजिस्ट यानी बच्चों के नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजते हैं। इस प्रकार जल्द निदान और उपचार के साथ जन्मजात मोतियाबिंद वाले ज्यादातर बच्चे सामान्य दृष्टि प्राप्त करके बेहतर जीवन का आनंद ले सकते हैं। ऐसे में अपने बच्चे की दृष्टि को लेकर किसी भी चिंता के लिए आपको पीडियाट्रिक ऑप्थलमोलॉजिस्ट से बात करने की सलाह दी जाती है। कुल मिलाकर सबसे बेहतर संभव नतीजे सुनिश्चित करने के लिए शुरुआती निदान जरूरी है।
आमतौर पर जन्मजात मोतियाबिंद का जल्द से जल्द ऑपरेशन किया जाना चाहिए, ताकि आंख और मस्तिष्क का ठीक से विकास हो सके। इसके अलावा शुरुआती सर्जरी भी एम्ब्लियोपिया या आलसी आंख के जोखिम को कम करती है। अगर अनुपचारित छोड़ दिया जाता है, तो एम्ब्लियोपिया प्रभावित आंख में स्थायी दृष्टि हानि का कारण बन सकता है।
इसका ऑपरेशन तभी करना चाहिए जब डॉक्टर को लगे कि इससे दृष्टि में सुधार हो सकता है। इस प्रकार का मोतियाबिंद जन्म के समय मौजूद होता है, इसलिए यह पूरी तरह से विकसित नहीं होता है और इसे हटाने के लिए पूरी तरह परिपक्व नहीं हो सकता है। अगर सर्जरी बहुत जल्दी की जाती है, तो मोतियाबिंद वापस बढ़ सकता है या उसकी जगह पर दूसरा मोतियाबिंद विकसित हो सकता है।
ऑपरेशन कब करना है, इसका फैसला डॉक्टरों की एक टीम द्वारा किया जाना चाहिए। इसमें पीडियाट्रिक ऑप्थलमोलॉजिस्ट यानी बाल रोग विशेषज्ञ या बच्चों के सर्जन शामिल हैं, जो बच्चों की आंखों की समस्याओं में माहिर हैं। यह टीम मोतियाबिंद की गंभीरता, बच्चे की उम्र और अन्य कारकों को ध्यान में रखकर उपचार योजना विकसित करने में मदद करती है।
जन्मजात मोतियाबिंद सर्जरी की सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है। इनमें मोतियाबिंद का प्रकार, मोतियाबिंद की गंभीरता और बच्चे की उम्र जैसे कई जरूरी कारक शामिल हैं। आमतौर पर ज्यादातर मामलों में जन्मजात मोतियाबिंद के इलाज की सर्जरी सफल होती है। अध्ययनों के अनुसार, जन्मजात मोतियाबिंद सर्जरी की कुल सफलता दर लगभग 95 प्रतिशत है। इसका मतलब है कि जन्मजात मोतियाबिंद सर्जरी करवाने वाले 95 प्रतिशत बच्चों की दृष्टि में सुधार दिखाई देगा। जबकि, कुछ मामलों में सर्जरी बच्चे की दृष्टि को पूरी तरह से ठीक भी कर सकती है।
सभी सर्जरी की तरह जन्मजात मोतियाबिंद सर्जरी में भी कुछ जोखिम शामिल हैं। इस सर्जरी की सबसे आम जटिलता पोस्टीरियर कैप्सूल ओपसीफिकेशन यानी पीसीओ है। यह एक स्थिति है, जिसमें आंख के लेंस का पिछला हिस्सा धुंधला हो जाता है। ऐसा तब भी हो सकता है, जब मोतियाबिंद के इलाज में सर्जरी सफल रही हो। ऐसे ही अन्य जोखिमों में शामिल हैं:
इनमें से अधिकांश जटिलताएं दुर्लभ हैं और इनका इलाज किया जा सकता है। उचित देखभाल के साथ, जिन बच्चों की जन्मजात मोतियाबिंद की सर्जरी हुई है, उनकी दृष्टि अच्छी होगी।
एक बार जब आप अपने लिए सही उपचार चुन लेते हैं, तो अपने डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना और योजना पर टिके रहना जरूरी है। इस प्रकार उचित देखभाल और उपचार के साथ जन्मजात मोतियाबिंद वाले ज्यादातर लोगों को सामान्य और स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिल सकती है।
जन्मजात मोतियाबिंद का उपचार इस स्थिति से प्रभावित लोगों के लिए दृष्टि और जीवन की गुणवत्ता सुधारने का प्रभावी तरीका है। इसके उपचार के कई विकल्प उपलब्ध हैं, लेकिन प्रत्येक व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा विकल्प मोतियाबिंद की गंभीरता और समग्र स्वास्थ्य पर निर्भर करता है। अगर आपको या आपके बच्चे को जन्मजात मोतियाबिंद है, तो सभी उपचार विकल्पों के बारे में अपने डॉक्टर से बात करना सुनिश्चित करें। इस प्रकार निदान और उचित देखभाल के साथ जन्मजात मोतियाबिंद वाले ज्यादातर लोग बेहतर दृष्टि हासिल करके सामान्य स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।
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