इंसुलिन की कमी समय के साथ आपकी रक्त वाहिकाओं और नसों को नुकसान पहुंचाती है। साथ ही इससे दिल की बीमारी, स्ट्रोक और किडनी की बीमारी जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि टाइप 1 और टाइप 2 सहित डायबिटीज दो प्रकार के होते हैं। टाइप I डायबिटीज तब होता है, जब शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है। इस प्रकार के डायबिटीज का बचपन या किशोरावस्था में निदान किया जाता है। जबकि, टाइप 2 डायबिटीज तब होता है जब शरीर पर्याप्त इंसुलिन का उत्पादन नहीं करता है या जब कोशिकाएं इंसुलिन का ठीक से जवाब नहीं देती हैं। इस प्रकार के डायबिटीज का डॉक्टरों द्वारा वयस्कता में निदान किया जाता है।
मोतियाबिंद एक ऐसी स्थिति है, जो आंख को प्रभावित करती है। मोतियाबिंद तब होता है, जब आंख का लेंस धुंधला हो जाता है। आमतौर पर मोतियाबिंद के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों में इसका मुख्य कारण उम्र बढ़ना है। जब आंख का लेंस धुंधला हो जाता है, तो आपके लिए स्पष्ट रूप से देखना मुश्किल हो जाता है। जबकि, कुछ मामलों में मोतियाबिंद अंधेपन का कारण भी बन सकता है। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि न्यूक्लियर और कॉर्टिकल सहित मोतियाबिंद दो प्रकार के होते हैं। परमाणु मोतियाबिंद लेंस के केंद्र में बनते हैं और आमतौर पर यह उम्र बढ़ने की वजह से होते हैं। जबकि, कॉर्टिकल मोतियाबिंद लेंस के बाहर बनते हैं, जो अक्सर ट्रॉमा या बीमारी के कारण होते हैं।
हालांकि, मोतियाबिंद के कई अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनमें डायबिटीज भी शामिल है। इस प्रकार डायबिटीज मोतियाबिंद सहित कई स्वास्थ्य समस्याऐं पैदा कर सकता है, लेकिन दोनों स्थितियों के बीच की मुख्य कड़ी क्या है? इस ब्लॉग पोस्ट में हम डायबिटीज और मोतियाबिंद के बीच संबंधों का पता लगाएंगे और। साथ ही आप जानेंगे कि यह कैसे संबंधित हैं। इसके अलावा हम दोनों स्थितियों के लिए कुछ उपचार विकल्पों की जानकारी भी प्रदान करेंगे। इसलिए, अगर आपको या आपके किसी परिचित को डायबिटीज है, तो मोतियाबिंद से संबंधित जोखिम के बारे में जागरूक होना आपके लिए बहुत जरूरी है।
डायबिटीज दिल की बीमारी, स्ट्रोक और किडनी की बीमारी सहित कई स्वास्थ्य समस्याओं की वजह बनती है। हालांकि, इसके कारण आपको मोतियाबिंद भी हो सकता है। अध्ययनों से पता चलता है कि बिना डायबिटीज वाले लोगों की तुलना में डायबिटीज से पीड़ित लोगों में मोतियाबिंद होने की संभावना 2 से 5 गुना ज्यादा होती है। इसका सटीक कारण अज्ञात है। हालांकि, माना जाता है कि उच्च रक्त शर्करा का स्तर आंख के लेंस में प्रोटीन को नुकसान पहुंचाता है, जिससे मोतियाबिंद हो सकता है।
यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि डायबिटीज वाले लोगों को कम उम्र में मोतियाबिंद होने का ज्यादा खतरा होता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उच्च रक्त शर्करा का स्तर आपकी आंख को नुकसान पहुंचाता है। साथ ही यह कम उम्र में मोतियाबिंद का कारण बन सकता है। इसके अलावा डायबिटीज से जुड़ी सूजन भी मोतियाबिंद की वजह बनती है। इसलिए, अगर आपको डायबिटीज है, तो मोतियाबिंद के विकास के जोखिम की जानकारी होना आपके लिए बेहद जरूरी है।
कुछ अन्य अध्ययनों से भी पता चलता है कि डायबिटीज वाले लोगों में मोतियाबिंद होने की संभावना ज्यादा होती है।
इस प्रकार डायबिटीज और मोतियाबिंद के बीच एक स्पष्ट संबंध है। ऐसे में अगर आपको डायबिटीज है, तो मोतियाबिंद के विकास से संबंधित जोखिम की जानकारी होना आपके बहुत जरूरी है।
कॉर्टिकल मोतियाबिंद के लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हो सकते हैं:
अगर आपके पास इनमें से कोई भी लक्षण है, तो आंखों के डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। वह मोतियाबिंद का निदान और उपचार की सिफारिश में आपकी मदद कर सकते हैं।
डायबिटीज सहित मोतियाबिंद के लिए कई जोखिम कारक हैं। इसके अन्य जोखिम कारकों में नीचे दिए गए विकल्प शामिल हैं:
अगर आपके पास इनमें से कोई भी जोखिम कारक है, तो आपके लिए मोतियाबिंद के विकास की संभावना से अवगत होना जरूरी है।
इसी तरह डायबिटीज के जोखिम कारकों में निम्नलिखित शामिल हैं:
अगर आपके पास मोतियाबिंद या डायबिटीज के लिए इनमें से कोई भी जोखिम कारक है, तो किसी भी स्थिति को विकसित करने की क्षमता की जानकारी होना जरूरी है।
डायबिटीज से प्रेरित मोतियाबिंद का निदान करना मुश्किल हो सकता है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मोतियाबिंद धीरे-धीरे विकसित हो सकता है और शुरुआती अवस्था में यह कोई लक्षण पैदा नहीं करता है। जबकि, मोतियाबिंद का निदान आमतौर पर नियमित आंखों की जांच के दौरान निदान किया जाता है। आंखों की जांच के दौरान डॉक्टर मोतियाबिंद के लक्षणों के लिए आपकी आंखों की जांच करते हैं। अगर आपको डायबिटीज है, तो नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना आपके लिए बुहत जरूरी माना जाता है।
ऐसा इसलिए है, क्योंकि डायबिटीज आपकी आंख को नुकसान पहुंचाता है और मोतियाबिंद का कारण बन सकता है। इसी तरह अगर आपको अपनी दृष्टि में कोई भी बदलाव महसूस होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना सुनिश्चित करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि कई बार दृष्टि में बदलाव मोतियाबिंद का लक्षण भी हो सकता है। डायबिटीज के मामले में इसके होने का पता लगाने के लिए रक्त शर्करा स्तर की जांच की जाती है। अगर आपको डायबिटीज और मोतियाबिंद दोनों हैं, तो डायबिटीज से प्रेरित मोतियाबिंद का निदान किया जा सकता है।
आमतौर पर मोतियाबिंद का इलाज सर्जरी से किया जा सकता है। सर्जरी के दौरान धुंधले लेंस को हटाया और एक साफ आर्टिफिशियल लेंस के साथ बदल दिया जाता है। इस प्रकार यह सर्जरी एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका है। हालांकि, इस सर्जरी की सिफारिश सिर्फ तभी की जाती है, जब मोतियाबिंद के कारण दृष्टि संबंधी समस्याएं हो रही हों।
जीवनशैली में कुछ बदलाव के साथ मोतियाबिंद को प्रबंधित करने या रोकने में मदद मिल सकती है, जैसे:
आंखों की जांच के लिए नियमित तौर पर अपने डॉक्टर से मिलना भी जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डायबिटीज आपकी आंख को नुकसान पहुंचाता है और मोतियाबिंद का कारण बन सकता है। अगर आपकी दृष्टि में कोई बदलाव होता है, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क सुनिश्चित करना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि दृष्टि में बदलाव मोतियाबिंद का संकेत हो सकता है।
डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन जीवनशैली में बदलाव और दवाओं से इसे नियंत्रित किया जा सकता है। डायबिटीज के उपचार में शामिल हैं:
आपके लिए सबसे बेहतर उपचार योजना खोजने के लिए अपने डॉक्टर से मिलना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति अलग है। ऐसे में एक व्यक्ति के लिए जो काम करता है, वह दूसरे के लिए फायदेमंद नहीं हो सकता है।
कुल मिलाकर डायबिटीज और मोतियाबिंद के बीच स्पष्ट संबंध है। अगर आपको डायबिटीज है, तो मोतियाबिंद विकसित करने वाले जोखिम की जानकारी होना आपके लिए बहुत जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि डायबिटीज सहित मोतियाबिंद का कारण बनने वाले कई जोखिम कारक हैं। अगर आपको डायबिटीज है तो नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना सुनिश्चित करें। इससे मोतियाबिंद का निदान करने में मदद मिल सकती है। मोतियाबिंद या डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है, लेकिन दोनों स्थितियों को प्रबंधित करने में मदद के लिए कुछ उपचार उपलब्ध हैं। इसलिए, दृष्टि में किसी भी तरह का बदलाव होने पर आपको तुरंत अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए, क्योंकि कई बार यह बदलाव मोतियाबिंद का संकेत हो सकते हैं।
क्या आप भी अपने डायबिटीज को नियंत्रित रखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं? क्या आपकी आंख में भी मोतियाबिंद का निदान किया गया है? अगर हां, तो यह ब्लॉग पोस्ट आपके लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है।आज बहुत से लोग इनमें से एक या दोनों स्थितियों का सामना कर रहे हैं, लेकिन अच्छी खबर यह है कि मदद के लिए कई विकल्प मौजूद है। आई मंत्रा में हमारे पास अनुभवी आंखों के सर्जनों की एक टीम है, जो मोतियाबिंद सर्जरी, मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत, मोतियाबिंद सर्जरी के अलग-अलग प्रकारों के लिए मोतियाबिंद लेंस की कीमत- फेकोइमल्सीफिकेशन, एमआईसीएस और फेम्टो लेजर मोतियाबिंद पर आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्षम है। ज्यादा जानकारी के लिए हमें +91-9711116605 पर कॉल या eyemantra1@gmail.com पर ईमेल करें।