आमतौर पर मोतियाबिंद सर्जरी दो प्रकार की होती है: ट्रेडिशनल फेकोइमल्सीफिकेशन और लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी (एलएसीएस)। फेकोइमल्सीफिकेशन मोतियाबिंद सर्जरी का सबसे आम प्रकार है। इसमें सर्जन अल्ट्रासोनिक उपकरण का उपयोग करके धुंधले लेंस को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़ते हैं, जिसे बाद में आंख से बाहर निकाल दिया जाता है। इस प्रकार यह सर्जरी एक आउट पेशेंट के आधार पर की जाती है। जबिक, लेजर-असिस्टेड मोतियाबिंद सर्जरी में आंख के अंदर चीरा लगाने और धुंधला लेंस तोड़ने के लिए सर्जन लेजर का उपयोग करते हैं। एलएसीएस का उपयोग अक्सर उन मरीजों के लिए किया जाता है, जिनके मोतियाबिंद का इलाज कठिन है। साथ ही इस सर्जरी में फेकोइमल्सीफिकेशन से ज्यादा रिकवरी समय की जरूरत हो सकती है।
यह ध्यान रखना जरूरी है कि मोतियाबिंद सर्जरी एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है। हालांकि, सभी सर्जरी की तरह मोतियाबिंद सर्जरी में भी जटिलताओं की संभावना है। इन्हीं कारणों से मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार कर रहे लोगों को इसके जोखिमों और संभावित जटिलताओं की जानकारी होना जरूरी है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि मोतियाबिंद सर्जरी सबसे आम प्रक्रियाओं में से एक है, जिसमें बाकी सर्जरी की तरह कुछ जोखिम शामिल हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में हम मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़ी कुछ सामान्य जटिलताओं और जोखिमों पर चर्चा करेंगे। इससे आपको इस सर्जिकल प्रोसीजर को लेकर ज्यादा सूचित फैसला लेने में मदद मिल सकती है।
मोतियाबिंद सर्जरी एक बहुत ही सुरक्षित प्रक्रिया है, लेकिन किसी भी सर्जरी की तरह इसमें कुछ जोखिम और संभावित जटिलताएं शामिल हैं। यह जानने के लिए आपको अपने आंखों के डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए। इससे आपको प्रक्रिया पूरा करने या नहीं करने को लेकर ज्यादा सूचित फैसला लेने में भी मदद मिल सकती है।
हमने आपको पहले भी बताया है कि मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ जोखिम हैं। इन जोखिमों को प्राथमिक जोखिम माना जाता है। इसका मतलब है कि यह सीधे सर्जरी से ही संबंधित हैं। इसके कुछ ज्यादा सामान्य प्राथमिक जोखिमों में शामिल हैं:
यह समस्याएं मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ ज्यादा सामान्य प्राथमिक जोखिमों में शामिल हैं।
मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ माध्यमिक जोखिम भी हैं। यह जोखिम सीधे सर्जरी से संबंधित नहीं हैं, लेकिन सर्जरी की वजह से हो सकते हैं। इसके ज्यादा सामान्य माध्यमिक जोखिमों में से कुछ इस प्रकार हैं:
इस प्रकार मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ संभावित जोखिम हैं। हालांकि, आपके लिए यह याद रखना जरूरी है कि यह जटिलताएं दुर्लभ होती हैं। मोतियाबिंद सर्जरी जटिलताओं को दो मुख्य श्रेणियों में बांटा जा सकता है: शुरुआती और देर से होने वाली जटिलताएं। शुरुआती जटिलताएं आमतौर पर सर्जरी के बाद पहले कुछ दिनों या हफ्तों के अंदर होती हैं। जबकि, देर से होने वाली जटिलताएं सर्जरी के महीनों या वर्षों बाद भी हो सकती हैं। उनके बीच जरूरी अंतर यह है कि शुरुआती जटिलताएं आमतौर पर ज्यादा गंभीर होती हैं और इससे ज्यादा गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
सबसे आम शुरुआती जटिलता एंडोफथालमिटिस है। यह आंख की सूजन है, जो सर्जरी के दौरान आंख में बैक्टीरिया जाने से हो सकती है। एंडोफथालमिटिस के लक्षणों में लालपन, दर्द और दृष्टि में कमी शामिल है। इसके उपचार में आमतौर पर एंटीबायोटिक्स या एंटीफंगल दवा का एक कोर्स शामिल होता है। जबकि, कुछ मामलों में आपको सर्जरी जरूरत भी हो सकती है।
इंफेक्शन मोतियाबिंद सर्जरी से संबंधित शुरुआती जटिलता है। आमतौर पर मोतियाबिंद सर्जरी के बाद इंफेक्शन की दर बहुत कम है, जो एक प्रतिशत से भी कम मामलों में होती है। हालांकि, यह स्थिति बहुत गंभीर हो सकती हैं। इस प्रकार मोतियाबिंद सर्जरी के बाद दृष्टि हानि जैसे इंफेक्शन के गंभीर नतीजे हो सकते हैं।
आयराइटिस एक अन्य आम शुरुआती जटिलता है, जो आईरिस यानी आंख के रंगीन हिस्से की सूजन है। इसके लक्षणों में लालपन, दर्द और दृष्टि में कमी शामिल है। इसके अलावा उपचार में आमतौर पर स्टेरॉयड का एक कोर्स शामिल होता है। जबकि, कुछ मामलों में इसके लिए सर्जरी की जरूरत भी हो सकती है।
ग्लूकोमा देर से होने वाली एक अन्य आम जटिलता है। यह आंख के अंदर दबाव में बढ़ोतरी है, जो ऑप्टिक तंत्रिका को नुकसान पहुंचा सकता है। ग्लूकोमा के लक्षणों में कम दृष्टि, दर्द और लालपन शामिल हैं, जिनका उपचार आमतौर पर दवा या सर्जरी से किया जाता है।
इसके अलावा मोतियाबिंद सर्जरी से रेटिनल डिटैचमेंट भी हो सकता है। यह रेटिना यानी आंख के पीछे की प्रकाश-संवेदनशील परत के आंख के बाकी हिस्सों से अलग होने पर होता है। रेटिनल डिटैचमेंट के लक्षणों में फ्लोटर्स, प्रकाश की चमक, और कम दृष्टि शामिल है। इनका उपचार सर्जरी की मदद से किया जा सकता है।
आखिर में मोतियाबिंद सर्जरी की सबसे गंभीर जटिलता दृष्टि हानि है। यह तब हो सकती है, जब अन्य जटिलताओं का ठीक से या समय पर इलाज नहीं किया जाता है। इसके अलावा यह समस्या सही तरीके से सर्जरी नहीं किये जाने पर भी हो सकती है।
इस प्रकार मोतियाबिंद सर्जरी से जुड़े कुछ संभावित जोखिम हैं। हालांकि, यह याद रखना जरूरी है कि यह मोतियाबिंद की जटिलताएं दुर्लभ हैं। अगर आप अपनी सर्जरी के बाद किसी भी लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करना सुनिश्चित करें। हालांकि, जल्द उपचार के साथ ज्यादातर जटिलताओं को बिना किसी स्थायी प्रभाव के हल किया जा सकता है।
अपनी आंख की अच्छी देखभाल करना और उसे किसी भी तरह की चोट से बचाना भी जरूरी है। अगर आप किसी भी ऐसे लक्षण का अनुभव करते हैं, तो तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। ऐसा इसलिए है, क्योंकि उचित देखभाल और समय पर उपचार के साथ ज्यादातर जटिलताओं और जोखिमों को कम से कम दुष्प्रभाव या नुकसान के साथ प्रबंधित किया जा सकता है।
इसके अलावा कुछ अन्य उपाय भी हैं, जो जटिलताओं के जोखिम को कम करने के लिए किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, सर्जरी से पहले और बाद में स्टेरॉयड और नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाओं (एनएसएआईडी) जैसी कुछ दवाएं लेने से बचाना चाहिए। इसके अलावा सर्जरी से पहले और बाद में अपने डॉक्टर द्वारा दिए गए सभी निर्देशों का पालन करना जरूरी है। इसमें आपके डॉक्टर द्वारा निर्धारित आई ड्रॉप्स का उपयोग करना और ऐसी गतिविधियों से बचना शामिल है, जो आपकी आंखों पर दबाव डाल सकती हैं। इन आसान सुझावों के पालन से आप मोतियाबिंद सर्जरी के बाद किसी भी जटिलता के विकसित होने का जोखिम काफी कम कर सकते हैं।
कुल मिलाकर मोतियाबिंद सर्जरी अपेक्षाकृत सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया है। हालांकि, किसी भी सर्जरी की तरह इस प्रक्रिया से जुड़े कुछ जोखिम और संभावित जटिलताएं भी हैं। इसलिए, अगर आप मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार कर रहे हैं, तो इन सभी संभावित जटिलताओं को ध्यान में रखना सुनिश्चित करें। हमेशा याद रखें कि सर्जरी के बाद किसी भी लक्षण का अनुभव होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना भी जरूरी है।
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