आमतौर पर इस प्रकार की सर्जरी का उपयोग मोतियाबिंद को ठीक करने के लिए किया जाता है। प्रक्रिया के दौरान सर्जन आंख के साइड में छोटा चीरा लगाकर एक छोटा कैमरा डालते हैं। मोतियाबिंद को हटाते समय कैमरा सर्जन का मार्गदर्शन करता है। पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी के मुकाबले कीहोल मोतियाबिंद सर्जरी कम आक्रामक है, जिसकी रिकवरी का समय भी कम है। मोतियाबिंद आंख की आम समस्या है, जिससे धुंधली दृष्टि और कम रोशनी में देखने पर कठिनाई होती है। ऐसे में इन लक्षणों का अनुभव कर रहे लोगों को मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार करना चाहिए। इस पोस्ट में हम कीहोल मोतियाबिंद सर्जरी के मतलब, प्रक्रिया और फायदों पर चर्चा करेंगे।
कीहोल मोतियाबिंद सर्जरी की प्रक्रिया
इस प्रकार की सर्जरी लोकल एनेस्थीसिया के तहत की जाती है। प्रक्रिया के दौरान आप जागते रहते हैं, लेकिन आपको कोई दर्द महसूस नहीं होता है। इसमें सर्जन आपकी आंख के किनारे में एक छोटा चीरा लगाकर एक पतला उपकरण डालते हैं। इसे एंडोस्कोप कहते हैं, जो सर्जन का मार्गदर्शन करने के में मदद करता है और इस तरह वह मोतियाबिंद से प्रभावित लेंस को हटाते हैं। एक बार लेंस हटाने के बाद आर्टिफिशियल इंट्राओकुलर लेंस उसी चीरा के जरिए डाला जाता है।
पारंपरिक मोतियाबिंद सर्जरी की तुलना में कीहोल मोतियाबिंद सर्जरी के कई फायदे हैं। ऐसे ही कुछ फायदों में शामिल हैं:
मोतियाबिंद सर्जरी पर विचार कर रहे लोगों के लिए प्रक्रिया से पहले निम्नलिखित चीजें जानना जरूरी है:
आपको सर्जरी के बाद पहले कुछ दिनों के लिए प्रभावी योजना बनानी चाहिए। इसका मतलब ज़ोरदार गतिविधि से बचना और भरपूर आराम करना है। साथ ही सफल रिकवरी सुनिश्चित करने के लिए सर्जरी के बाद डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें।
सर्जरी के बाद रिकवरी आमतौर पर जल्दी होती है और ज्यादातर लोग एक या दो दिनों के अंदर अपनी सामान्य गतिविधियों में वापस आ सकते हैं। इस प्रक्रिया में सर्जन को टांके लगाने की कोई जरूरत नहीं पड़ती है और चीरे इतने छोटे होते हैं कि वह आमतौर पर अपने आप ठीक हो जाते हैं। हालांकि, कुछ लोगों को सर्जरी के बाद हल्की बेचैनी, चोट या सूजन का अनुभव हो सकता है। आमतौर पर यह लक्षण कुछ दिनों के अंदर अपने आप ठीक हो जाते हैं। इसके अलावा डॉक्टर संभावित रूप से उपचार में मदद और इंफेक्शन के जोखिम को कम करने के लिए आईड्रॉप्स लिख सकते हैं।
इस दौरान आपको चकाचौंध, दोहरी दृष्टि और रात के समय देखने में कठिनाई जैसे कुछ दुष्प्रभाव भी महसूस हो सकते हैं। यह दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और दृष्टि में सुधार के साथ कम हो जाते हैं। अगर आपको सर्जरी के बाद कोई चिंता या समस्या है, तो अपने डॉक्टर से संपर्क करना सुनिश्चित करें। कीहोल मोतियाबिंद सर्जरी आमतौर पर साफ दृष्टि प्रदान करने में सफल होती है। ज्यादातर लोग इस प्रकार की सर्जरी से बड़ी सफलता का अनुभव करते हैं, लेकिन कुछ प्रतिशत लोगों में जटिलताएं हो सकती हैं। इनमें इंफेक्शन, खून बहना, रेटिना अलग होना और इंट्राओकुलर दबाव में बढ़ोतरी शामिल है।
क्या सर्जरी के बाद चश्मे की जरूरत है?
कीहोल मोतियाबिंद सर्जरी एक कम आक्रामक प्रक्रिया है, जो दृष्टि सुधार और साफ देखने में आपकी मदद कर सकती है। यह सर्जरी आमतौर पर सफल होती है और ज्यादा लोगों को कम या कोई जटिलता नहीं होती है। इसकी रिकवरी आमतौर पर जल्दी होती है, जिसके बाद आप एक दिन के अंदर अपनी सामान्य गतिविधियों को दोबारा शुरु कर सकते हैं। मोतियाबिंद सर्जरी कराने वाले ज्यादातर लोग अपनी दृष्टि में जरूरी सुधार का अनुभव करते हैं। इनमें से करीब 95 प्रतिशत से ज्यादा लोग सर्जरी के बाद बेहतर देख सकते हैं।
मोतियाबिंद सर्जरी एक सुरक्षित और दर्द रहित प्रक्रिया है। अगर आपके कोई सवाल या परेशानी है, तो आज ही आई मंत्रा के अनुभवी नेत्र रोग विशेषज्ञों से संपर्क करना सुनिश्चित करें। आई मंत्रा में हमारे पास अनुभवी आंखों के सर्जनों की एक टीम है, जो मोतियाबिंद सर्जरी, मोतियाबिंद सर्जरी की कीमत, मोतियाबिंद सर्जरी के अलग-अलग प्रकारों के लिए मोतियाबिंद लेंस की कीमत- फेकोइमल्सीफिकेशन, एमआईसीएस और फेम्टो लेजर मोतियाबिंद पर आपके किसी भी सवाल का जवाब देने में सक्षम है। ज्यादा जानकारी के लिए हमें +91-9711116605 पर कॉल या eyemantra1@gmail.com पर ईमेल करें।